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BECAUSE YOUR HEALTH MATTERS
अगर आप लोगो से पूछा जाये के देशी गाय का दूध पियोगे! तो आप लोगो के अनुसार क्या उचित मूल्य हैं ! जो आप की जेब पर भारी ना पडे
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Change in lifestyle
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ये भी एक दौर था......सुविधाये कम थी पर संतुष्टि और खुशी खूब थी....जिस आंगन, जिस गांव में पैदा होते थे.....वंही से अर्थी उठ जाती थी.....अब सबको दिल्ली, एनसीआर जाने की लगी है....बस कैसे भी कर के 100 ग़ज़ का जुगाड़ हो जाये....पर करे भी क्या ?.....गांव मर रहा है, खेत मर रहे है, एक पूरी संस्कृति और जीवन पद्धति मर रही है.....
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अब 2 किलों दहीं करेगी 25 किलों यूरिया का मुकाबला
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अब 2 किलों दहीं करेगी 25 किलों यूरिया का मुकाबला रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक से होनेवाले नुकसान के प्रति किसान सजग हो रहे हैं. जैविक तकनीक की बदौलत उत्तर बिहार के करीब 90 हजार किसानों ने यूरिया से तौबा कर ली है | इसके बदले दही का प्रयोग कर किसानों ने अनाज, फल, सब्जी के उत्पादन में 25 से 30 फीसदी बढ़ोतरी भी की है | 25 किलो यूरिया का मुकाबला दो किलो दही ही कर रहा है | यूरिया की तुलना में दही मिश्रण का छिड़काव ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है | किसानों की माने, तो यूरिया से फसल में करीब 25 दिन तक व दही के प्रयोग से फसलों में 40 दिनों तक हरियाली रहती है| किसान बताते हैं कि आम, लीची, गेहूं, धान व गन्ना में प्रयोग सफल हुआ है| फसल को पर्याप्त मात्रा में लंबे समय तक नाइट्रोजन व फॉस्फोरस की आपूर्ति होती रहती है| केरमा के किसान संतोष कुमार बताते हैं कि वे करीब दो वर्षों से इसका प्रयोग कर रहे हैं| काफी फायदेमंद साबित हुआ है| लीची व आम का होता है अधिक उत्पादन इस मिश्रण का प्रयोग आम व लीची में मंजर आने से करीब 15-20 दिनों पूर्व इसका प्रयोग करें. एक लीटर पानी में 30 मिलीलीटर दही के मिश्